मास्क के जरिए लुभा रहे वोटर्स

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है I वहीं राष्ट्रीय स्तर से लगाए स्थानीय स्तर की पार्टियां भी चुनावी मैदान में भाग्य आजमाने पहुंच चुकी हैं I इस कोरोना काल में जहां चुनावी प्रचार प्रसार के दौरान बहुत सी चीजें नई-नई दिखाई दे रही हैं वहीं चुनावी मैदान में उतरे नेता भी अपने वोटर्स को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार के तरह-तरह तरीके अपना रहे हैं I इस बार बिहार की विधानसभा चुनाव में मास्क के जरिए संभावित प्रत्याशी और उनके समर्थक प्रचार प्रसार करते हुए नजर आ रहे हैं I गांव-गांव में पहुंच रहे नेता व उनके समर्थक के मास्क को देखकर ही पता कर ले रहे किस दल के नेता जी का काफिला आ रहा है I इसी बीच में नेता जी व उनके समर्थकों के भारी मात्रा में मास्क बनाने वाले निजी संस्थाएं भी सिंबोलिक मास्क बनाने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं I
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के यशस्विनी ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से विधानसभा चुनाव में स्थानीय महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए उनसे विभिन्न प्रकार के मास्क और गमछे का का आर्डर करवाया जा रहा है, जिसका के उपयोग चुनाव प्रचार, हॉस्पिटल, स्कूल, शिक्षा संस्थान इत्यादि द्वारा किया जा सकता है I एसएससी नहीं ऑर्गेनाइजेशन की फाउंडर रूपाली शर्मा का मानना है कि यदि महिलाओं की स्थिति में सुधार करना है तो उन्हें स्वाबलंबी बनना जरूरी है। आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने में महिलाओं की अहम भूमिका होनी चाहिए इसलिए गांव की महिलाओं को भी स्वरोजगार को शुरू करना चाहिए I उन्हें कुछ ना कुछ ऐसे हुनर को सीखना चाहिए जिससे कि वह अपना भरण-पोषण कर सकती हैं। इसी कड़ी में मास्क – कढ़ाई मास्क, इमोजी मास्क, खादी मास्क, मधुबनी पेंटिंग मास्क चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी के नाम एवं फोटो के साथ मास्क एवं गमछे इत्यादि का निर्माण करवाया जा रहा है।