छात्रवृत्ति की मांग हेतु राज्यपाल को भायुजस प्रदेश अध्यक्ष ने भेजा एक सूत्री पत्र

छात्रवृत्ति विद्यार्थियों का अधिकार है इसकी पूर्ति होनी चाहिए–कुलदीप पाण्डेय
गोरखपुर I छात्रों के हित मे आज दिनांक 18 दिसम्बर दिन शुक्रवार को भारतीय युवा जनकल्याण समिति के संचालक व प्रदेश अध्यक्ष युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय आगे आये I कुलदीप पाण्डेय ने विगत वर्ष 2019 -20 मे छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति ना पाने वाले छात्रों कि समस्याओं को उ.प्र. प्रदेश कि राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी के नाम एक सूत्री मांग पत्र गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कलक्ट्रेट बी के श्रीवास्तव जी को सौंपे I युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय ने मांग पत्र सौंपने के पश्चात कहा कि छात्रों कि शिक्षा ग्रहण करने व उसे कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराने मे छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति सहायक होता है, जिसको प्राप्त करना विद्यार्थियों का अधिकार भी है I
विगत वर्ष 2019-20 के छात्र छात्राओं कि अधिकतम संख्या छात्रवृति से वंचित रही जिसके कारण वर्तमान वर्ष मे अगली कक्षा मे प्रवेश लेने मे आर्थिक स्तर पर कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ रहा तथा साथ ही परिवार मे आय के स्त्रोत पर पिछले सात महिनों से कोरोना माहामारी कि वजह से संकट छाया हुआ है I
गोरखपुर,महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, संतकबीर नगर, वस्ती, सिद्धार्थनगर आदि जिलों के साथ सम्पूर्ण पूर्वांचल के छात्र गोरखपुर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय तथा अवध विश्वविद्यालय आदि से जुड़े महाविद्यालयों मे अध्ययन कर रहे हैं, जिनकी छात्रवृत्ति अभी तक नही आयी है I सस्ते व महंगे कोर्सेज कि पढ़ाई के लिए छात्रों ने व्याज के रुप मे कर्ज तथा समानो को गिरवी रखकर कालेजों मे प्रवेश लिया था कि इस उम्मीद पर कि छात्रवृति व शुल्क प्रतिपूर्ति से कर्जदाता के पैसे लौटाउंगा और अगले वर्ष कि कक्षा मे भी सरलता पूर्वक प्रवेश शुल्क जमा करुंगा I राज्यपाल महोदया व प्रदेश सरकार को विद्यार्थियों कि इस आर्थिक समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार के समाज कल्याण को आदेशित करना चाहिए कि सभी वर्गों के छात्रवृति आवेदनकर्ता विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम अनुसार शुल्क वापसी व छात्रवृत्ति प्रदान करें! युवा व छात्र देश के उज्जवल भविष्य है इनके कन्धो पर देश कि जिम्मेदारी है.शिक्षा के क्षेत्र मे बढ़ावा हेतु बहुमूल्य स्त्रोत है छात्रवृति,यह हक व अधिकार छात्रों से ना छिना जाये I साक्षरता के स्तर कि वृद्धि हेतु सरकार को आर्थिक सहयोग करना चाहिए जिससे छात्र निर्भय होकर शुल्क भी जमा कर सके और विभिन्न पाठ्यक्रमों मे स्वेच्छा से प्रवेश लेकर अध्ययन कर सके I